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प्रेरणा स्रोत

परमपूज्य योगाधीराज धर्म-अध्यात्मतत्ववेता, अनंतश्रीविभूषित सद्‌गुरु भगवान श्री प्रेमशंकर जी जैतली महाराज

सद्गुरु भगवान श्री प्रेमशंकर जी जैतली महाराज का जन्म 7 जून 1925 को मुरादाबाद में हुआ। बचपन से ही दिव्य शक्तियों का वास पूज्य श्री में दृष्टिगत था| व्यक्तियों के मन की बात जान लेना, घटनाओं का पूर्वाभास, अध्यापकों को अपनी विशिष्ट स्मरणशक्ती से चौका देना उनके लिए सामान्य बात थी| बाबा के पिता उस समय की प्रतिष्ठित वैद्य थे एवं भगवान शंकर के परम भक्त थे| उन्होंने एक बार शंकराचार्य से अनुरोध किया कि मेरे कुल में ऐसा बालक जन्म ले जिसकी कृपा से मेरा सारा वंश तर जाए| उन पर कृपा करके शंकराचार्य जी ने पूज्य श्री से प्रार्थना कर उनका अवतरण करवाया | चर और अचर में समान रूप से निवास करने वाले "सद्गुरु" ने अब धरती पर धर्म और मर्यादा को प्रतिष्ठित करने के लिए श्री भवानी शंकर जेटली जी की पत्नी भगवती स्वरूपा मां गंगा की गर्भ से जन्म लिया | कुछ समय सद्गुरु ने युवावस्था में काशी में शिक्षा प्राप्त की | अनेक मानव श्रेष्ठ मनीषियों एवं साधकों से वह यहां संपर्क में आए | उनमें पंडित मदन मोहन मालवीय, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन, तंत्र आचार्य श्री रामनाथ जी, श्री कालीपद मुखर्जी, श्री राय मोशाय एवं महा योगाचार्य कविराज गोपीनाथ जी प्रमुख हैं| सर्वज्ञाता को उसकी सर्वज्ञता का लौकिक बोध कराने में इन महानुभावों की विशेष कृपा रही | कुछ समय काशी में अध्ययन करने के पश्चात सद्गुरु ने एच.बी.टी.आई. कानपुर से ऑयल टेक्नोलॉजी की शिक्षा प्राप्त की | अब तक उनकी दिव्यता के विषय में कानपुर के लोगों में ख्याति फैलने लगी थी | अतः सद्गुरु आगरा आ गए एवं केमिकल एग्जामिनर की लैबोरेट्री में कार्यरत हो गए | आगरा में अनेक लोगों ने धन प्राप्ति, संतान प्राप्ति, आध्यात्मिक प्रगति इत्यादि उनके आशीर्वाद से प्राप्त किए की | स्वभाव से कृपालु पूज्य श्री का सारा समय लोगों की समस्याएं एवं उनके निवारण में चला जाता था | वह जब जो कहते थे वह फलीभूत होता ही था, कभी मंत्र, कभी ज्योतिष, कभी हस्तरेखा इत्यादि को माध्यम बनाते हुए वह समाज पर पर कृपा करते रहे जबकि वस्तुतः हर कार्य उनकी इच्छा मात्र से संपादित हो जाता था |

आगरा में ही उनके निवास के समय उन्होंने युगपुरुष वेद मूर्ति तपोनिष्ठ गायत्री तपोभूमि एवं शांतिकुंज के संस्थापक सद्गुरु श्री राम शर्मा अचार्य जी से दीक्षा प्राप्त की एवं गायत्री विज्ञान के विशुद्ध ज्ञान को अलंकृत किया | श्रीराम शर्मा जी के प्रेरणा से पूज्यश्री ने विदेश से आने वाले पदार्थ लिक्विड गोल्ड की तकनीक को आगरा में विकसित किया जिससे तकनीकी जगत में उनकी प्रतिष्ठा बहुत बढ़ गई | राग - द्वेष, प्रतिष्ठान- अपमान से सर्वथा मुक्त पूज्य श्री को यह याद था की उनकी कृपा के आकांक्षी उनके जीव बरेली में प्रतीक्षारत थे| अतः 1960-70 के दशक में अपनी नौकरी से त्यागपत्र देकर बरेली आ गए एवं निजी व्यवसाय प्रारंभ किया | यहां पर उन्होंने केमिकल मशीनरी सप्लाई करने वाली फर्म श्वेता गैस कंपनी स्थापित की | उस समय बरेली शहर में ऐसी कंपनी का होना बड़ी बात थी, पर मुख्य कार्य तो बाकी था | वास्तव में तो वह धर्म को पुनर्जीवित करने एवं अनेक जन्मों से शरणागत आत्माओं के आध्यात्मिक उत्थान के लिए बरेली आए थे | अतः उन्होंने अपने गुरु की प्रेरणा से दिव्य भूमि श्री गायत्री शक्तिपीठ का निर्माण किया | यह एक जागृत स्थान है जहां पर मां भगवती गायत्री, भगवती लक्ष्मी, मां दुर्गा, श्री हनुमान जी, भगवान शिव की प्राण प्रतिष्ठा है |

हजारों साधकों पर कृपा करते हुए सद्गुरु 1998 तक बरेली में ही रहे| बरेली के समय अपने अनुभवों को लेकर उनकी एक विशेष कृपा पात्र शिष्य का कहना है कि ऐसा लगता है कि जैसे जीवन में दुख है ही नहीं, ऐसा लगता है कि जीवन कल्पना मात्र सा है|

बरेली में पूज्यश्री ने उत्कृष्ट एवं आध्यात्मिक शिक्षा के उद्देश्य से श्री गायत्री शिक्षापीठ इंटर कॉलेज की स्थापना की | पूज्य श्री 1998 में हरिद्वार आ गए एवं त्रिपदा वानप्रस्थ चैरिटेबल योग आश्रम की स्थापना की एवं वही निवास करने लगे | अनेकों श्रद्धालुओं पर अविरल कृपा करते हुए 11 अगस्त 2008 को सद्गुरु ने शरीर छोड़ दिया |

अपने भक्तों पर विशेष और सहज कृपा वह आज भी करते हैं और सदैव करते रहेंगे।

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गायत्री परिवार सेवा सदस्य चैरिटेवल ट्रस्ट
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सूचना



बसंत पंचमी, जनवरी-30, 2020 (गुरुवार)
प्रातः 05:00 से 06:00 बजे तक    सद्‌गुरु भगवान का पूजन
प्रातः 06:00 से 07:00 बजे तक    सामूहिक गायत्री जप
प्रातः 09:00 से 10:00 बजे तक    केसर युक्त जल से दिव्य स्फटिक शिवलिंग का अभिषेक
प्रातः 10:00 से 12:00 बजे तक    गायत्री हवन
तत्पश्चात पूर्णाहुति एवं भंडारा प्रसाद
सेवा में - गायत्री परिवार सेवा सदस्य चैरिटेवल ट्रस्ट, बरेली
ब्रतोत्सव तिथि पत्रिका 2019 - 20
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मंदिर दर्शन समय


शरद काल
प्रातःकाल : 05:30 AM - 12:00 NOON
सायंकाल : 04:30 PM - 09:00 PM
ग्रीष्म काल
प्रातःकाल : 05:00 AM - 12:00 NOON
सायंकाल : 04:00 PM - 09:00 PM